लाइब्रेरी में जोड़ें

हिंदी दिवस की कविताएं



कविता---एक नई शुरुआत

बीत गए गमों के बादल
उग रहा है सबेरा
अंतरिक्ष तक ढकी कालिमा
स्वर्णिम रंग से सज रहा है
अंधेरे से न थकें हम इतना
कि रात काली स्याही सी लगे
उम्मीद ,एक नई शुरुआत की
रात के बाद भोर खिले।

***
सीमा..✍️🎈
©®
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता

   16
9 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

Reply

Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 12:09 PM

Achha likha hai 💐

Reply

Achha likha hai 💐

Reply